Wednesday, July 8, 2009

शराब कांड: मृतकों की संख्या 43 हुई

Round Ass

गांधीनगर [जासं]। प्रतिबंध और भीषण शराब कांड सामने आने के बावजूद मंगलवार को भी अहमदाबाद के कुछ इलाकों में देशी शराब बिकी। लोगों ने फिर पी और मौत के शिकार हो गए। सरकार ने अब तक शहर में जहरीली शराब पीकर 43 लोगों के मरने की पुष्टि कर दी है लेकिन मौत का आंकड़ा पचास के पार जाने की आशंका है। करीब तीन दर्जन लोगों का अब भी विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

कांग्रेस ने बुधवार को विधानसभा में इस मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा किया, जिसके बाद 14 विधायकों को एक दिन के लिए सदन से निलंबित कर दिया गया। अहमदाबाद में जहरीली शराब से मौत का सिलसिला थम नहीं रहा। शहर के ओढ़व इलाके में बुधवार को एक ही जगह सात शव मिलने से सनसनी फैल गई। इसके बाद हरकत में आई राज्य सरकार ने शहर में तैनात दो एसीपी और चार पुलिस निरीक्षकों को निलंबित कर दिया। गृह राज्यमंत्री अमित शाह ने समूचे घटनाक्रम की जांच हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज से कराने की घोषणा कर दी है।

राज्य के पुलिस महानिदेशक एस एस खंडवावाला ने बुधवार को समूचे घटनाक्रम की सिलसिलेवार जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 5 जुलाई की रात बूटलेगर [शराब विक्रेता] अरविंद सोलंकी उर्फ अड़ियो ने मजूर गाम में अपनी बिरादरी के लोगों को शराब पार्टी दी थी। अगले दिन अरविंद, उसके बेटे प्रदीप और भाई भवान को सीने में दर्द की शिकायत के बाद सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां मामूली उपचार के बाद उन्हें घर भेज दिया गया। लेकिन, तीनों ने घर पहुंचने के बाद दम तोड़ दिया। मंगलवार को मौत के अन्य मामले सामने आने के बाद यह शराब कांड उजागर हुआ।

खंडवावाला के मुताबिक बूटलेगर हरिशंकर कहार उर्फ हरिओम ने ही यह शराब सप्लाई की थी और इलाके के पुलिस अधिकारियों को इसकी जानकारी थी। पुलिस ने हरिशकर की तलाश में अब तक अहमदाबाद के सौ से अधिक शराब विक्रेताओं की धरपकड़ की है। खंडवावाला ने कहा कि इस हादसे में अब तक 43 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 29 लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि पड़ोसी राज्य राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और दमण-दीव से अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए कच्छ, भुज, सूरत व गांधीनगर समेत सीमावर्ती जिलों में विशेष चौकसी बरती जा रही है।

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