Monday, July 27, 2009
अरिहंत से पहले नेरपा से लैस होगी नौसेना
मास्को। स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी 'आईएनएस अरिहंत' से पहले रूस में निर्मित 'नेरपा' परमाणु पनडुब्बी भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगी। भारत को सौंपने से पहले रूस ने अकुला-2 श्रेणी की इस युद्धक पनडुब्बी के पहले चरण के परीक्षण पूरे कर लिए हैं।
रूसी समाचार एजेंसी 'आरआईए नोवोस्ती' के मुताबिक नेरपा इस साल के अंत तक नौसेना के बेड़े में शामिल हो जाएगी। नोवोस्ती ने रूस के अमूर शिपयार्ड के एक अधिकारी के हवाले से खबर दी है कि तय कार्यक्रम के अनुसार नेरपा के समुद्री परीक्षणों का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा हो गया। रूस और भारत के आला अधिकारियों ने अभी पनडुब्बी पर लैस होने वाली युद्धक सामग्री को लेकर चुप्पी साध रखी है।
आईएनएस अरिहंत 700 किलोमीटर तक मार करने वाली के-15 परमाणु मिसाइल से लैस है। अभी यह साफ नहीं है कि नेरपा में भारतीय परमाणु मिसाइलें तैनात होंगी या रूसी। अकुला-2 श्रेणी की नेरपा पनडुब्बी का वजन 12 हजार टन है और यह अरिहंत से काफी बड़ी है। अरिहंत का वजन महज छह हजार टन है। रूसी नौसेना के बेड़े में नेरपा सबसे उन्नत परमाणु पनडुब्बी है। रूसी अधिकारी के मुताबिक नेरपा अब परीक्षण के दूसरे दौर के लिए तैयार है।
इससे पहले पिछले साल 8 नवंबर को जापान सागर में परीक्षण के दौरान नेरपा पनडुब्बी में ही गैस रिसाव से हुई दुर्घटना में 20 लोगों की मौत हो गई थी। जिसके बाद इस पनडुब्बी को लेकर आशंका जताई गई थी। नेरपा की कुछ प्रणालियों में सुधार के बाद इसके ताजा परीक्षण 10 जुलाई को शुरू हुए थे।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनकी पत्नी गुरशरण कौर द्वारा आईएनएस अरिहंत के जलावतरण के साथ भारत रविवार को परमाणु पनडुब्बी का निर्माण करने वाले चुनिंदा देशों में शामिल हो गया। इससे पहले तक यह क्षमता केवल अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन के ही पास थी।
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